Search This Website

Thursday, 15 December 2016

राजकोट के 3000 खाता धारक को मिला इनकमटैक्स विभाग का नोटिस क्यों जाने यहासे

देश के हर टैक्सपेयर की यह ड्यूटी है कि वह इनकम टैक्स विभाग को हर फाइनैंशल इयर के अंत में उस फाइनैंशल इयर में हुई आमदनी का ब्योरा दे। यह ब्योरा उसे विभाग द्वारा तय फॉर्म में भरकर देना होता है। इस फॉर्म के जरिये दी गई पूरी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न कहलाती है।

फाइनैंशल इयर
1 अप्रैल से 31 मार्च तक के समय को फाइनैंशल इयर कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 तक के समय को फाइनैंशल इयर 2015-16 कहा जाएगा। अभी हम जो रिटर्न भर रहे हैं, वह फाइनैंशल इयर 2015-16 के लिए है।

असेसमेंट इयर
असेसमेंट इयर फाइनैंशल इयर से आगे वाला साल होता है यानी जिस साल उस फाइनैंशल इयर के टैक्स संबंधी मामलों का आकलन किया जाता है। मसलन फाइनैंशल इयर 2015-16 के लिए असेसमेंट इयर 2016-17 होगा क्योंकि फाइनैंशल इयर 2015-16 की जो आमदनी है, उस पर टैक्स भरा या नहीं जैसा आकलन इनकम टैक्स विभाग फाइनैंशल इयर 2016-17 में करेगा इसलिए फाइनैंशल इयर 2015-2016 के लिए असेसमेंट इयर 2016-17 होगा। अभी हम जो रिटर्न भर रहे हैं, वह फाइनैंशल इयर 2015-16 या असेसमेंट इयर 2016-17 का रिटर्न कहा जाएगा।
इनकमटैक्स ने दी नोटिस पढ़े यहाँ से

Join Our Whatsapp Group to Get Latest Updates... : Click Here